२२ २२ २२ २२
क्या तुमने ये सोचा पगली
गर मैं तेरा होता पगली
तेरी यादें फूलों जैसी
कांटे होते रोता पगली
इन आँखों के वादे पढ़कर
बन बैठा मैं झूठा पगली
मैं तो तेरा साया हूँ ,अब
तू है मेरी काया पगली
तेरी बातें तू ही जाने
मैं तो हूँ बस तेरा पगली
राहों पर यूँ नज़र बिछाना
गुमनाम करे दीवाना पगली